भारी बारिश ने पूरी राज्य को डगमगा दिया किन्तु अध्यात्म की प्रतिक को नही डगमगा सका!

भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य में पुरे विश्व के लिए एक अचंभित घटना सामने आ रही है। हिमाचल प्रदेश राज्य में भारी बारिश के कारण भूस्खलन और बाढ़ जैसी समस्याएं सामने आ रही है। भारी बारिश के कारण वहा का सामान्य जीवन तहस-नहस रूप ले ली है। हिमाचल प्रदेश में अभी वहां का हालात जलप्रलय के समान है भारी बारिश के कारण अनेकों पूल, पहाड़, बिल्डिंग इत्यादि बह गए , वहां का मंजर धराशाही रूप ले रही है।

वहा का मंजर यह है की ब्यास नदी का पानी वहा पहुंचकर अपनी एक नई करवट ले रही है। ब्यास नदी का पानी वहा पहुंचकर विक्राल रूप लेती हुई नजर आ रही है। वही मंडी जिले के ऐतिहासिक पंचवक्त्र मंदिर ब्यास नदी के लहरों से घिरी हुई है। हिमाचल ने भारी मूसलाधार बारिश से तबाही का मंजर है, वहीं यह मंदिर सुरक्षित है। ब्यास नदी का पानी मंदिर के शिखर तक पहुंच गया है लेकिन पानी के बहाव से मन्दिर को किसी प्रकार का नुक्सान नहीं पहुंची है।

यह मंजर तो कुछ वर्ष पहले केदारनाथ में भारी बारिश के कारण पूरा केदारनाथ मन्दिर प्रांगण पानी से भरा होने के बावजूद मन्दिर को किसी प्रकार की क्षति नहीं पहुंची। दस वर्ष पूर्व जब केदारनाथ में मंदाकिनी नदी उफान पर थी तब केदारनाथ मन्दिर और मंदाकिनी नदी के बिच एक विशाल पत्थर आ गया था जो की केदारनाथ मन्दिर प्रांगन को सुरक्षित रखने में सहायक था। अब ऐसी ही मंजर बाढ़ से मचे हाहाकार के बिच एक बार फिर चमत्कार हुआ है। जहां चारो तरफ बाढ़ के हाहाकार से पूल , पहाड़ और बड़े-बड़े घर ढह गए है वही पंचवक्त्र मन्दिर किसी प्रकार से क्षतिग्रस्त नहीं हुआ है को की पूरी तरह से सुरक्षित है।

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