Kargil Vijay Diwas|| कारगिल विजय दिवस

Kargil Vijay Diwas

कारगिल विजय दिवस!! कारगिल विजय दिवस भारतीय सशस्त्र बलों की बहादुरी और उनके सम्मान में स्मरणीय विजय के रूप में यह वीर सैनिकों की भावपूर्ण श्रद्धांजलि के रूप में मनाया जाता है।

कारगिल विजय दिवस : 26 जुलाई भारत के वीर नायकों के सम्मान व उनके स्मरणीय विजय दिवस व उन्हे भावपूर्ण श्रद्धांजलि देने के लिए मनाया जाता है। यह दिवस भारत के सभी देशवासियों के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण दिवस है। इस दिन भारत और पाकिस्तान के बिच कारगिल युद्ध हुआ था जिसे भारत और पाकिस्तान कभी नही भूल पाएगा, ”भारत” अपनी विजय पर और “पाकिस्तान” अपनी पराजय को।

कारगिल युद्ध भारत और पाकिस्तान के बिच छिड़ी एक महायुद्ध थी जिसकी विजय के लिए सैनिकों द्वारा अपनी मातृभूमि को बचाते के लिए अपनी जान तक की फिक्र नहीं की, मातृभूमि के खातिर अपनी जान तक न्यौछावर कर दिए थे। पाकिस्तान भारत के कारगिल की मातृभूमि कब्जा के कारण यह युद्ध हुआ था, भारत के दुश्मन सैनिक कारगिल की हजारों फिट ऊंची चोटियों पर बेफिक्र बैठा था। लेकिन भारतीय जवानों के सामने न हजारों फिट ऊंची पहाड़ी चोटियां टिकी और न ही वहां को माइनस 10 डिग्री पारा; करीब 3महीने चली जंग के बाद 26 जुलाई 1999 को उन्ही ऊंची पहाड़ियों पर तिरंगे झंडा लहराता हुआ और ‘भारत माता की जय ‘ की जय की गूंज उन पहाड़ियों के जर्रे-जर्रे में गूंज रही थीं।

हर वर्ष कारगिल विजय दिवस 26 जुलाई को मनाई जाती है। कारगिल विजय दिवस के रूप में भारतीय सैनिकों का शौर्य इतिहास में चिन्हित हो गया है, यह हर भारतीय के लिए गौरवान्वित होने की बात है की भारतीय सेना ने अपने मातृभूमि से दुश्मनों को खदेड़ दिया। युद्ध के दौरान हुए ऑपरेशन को “ऑपरेशन विजय” के नाम से भी जाना जाता है। पाकिस्तानीयो की घुसपैठ के बाद ऑपरेशन विजय 08 मई 1999 को शुरू किया। ” ऑपरेशन विजय ” का लक्ष्य भारतीय भू-भाग पर कब्जा करना था जो की पाकिस्तानि घुसपैठियों ने कब्जा कर लिया था, 26 जुलाई 1999 को कब्जाई भू-भाग को स्वतः भारतीय सैनिकों द्वारा अपने कब्जे में लिया गया। इस ऑपरेशन विजय में कई सैनिकों ने अपनी मातृभूमि के लिए अपनी शहादत/ जान न्यौछावर कर दी, इसलिए भारत के वीर सैनिको के सम्मान में यह दिवस मनाया जाता है।

Disclaimer:- यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। यहां यह बताना आवश्यक है कि Allimpulses.in किसी भी प्रकार की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी मान्यता या जानकारी को अमल में लाने से पहले सम्बन्धित विशेषज्ञ से सलाह लें।

Leave a Comment