शिवलिंग जिसे हिंदू-मुस्लिम दोनो ही पूजते है?

देवों के देव महादेव ! जिस प्रकार इस ब्रह्मांड का ना कोई अंत है ना कोई छोर और न ही कोई शुरुआत उसी प्रकार भगवान शिव वो है जो आदि- अनादि और अनंत है। हिंदुओं में भगवान शंकर ( शिव ) अत्यंत सुमरनिय देवो के गंतव्यमान है जो की अनघ है अर्थात् पाप-रहित हैं। भगवान महादेव त्रिदेवों में से एक देव है जो कि विनाशक के नाम से भी जाने जाते हैं। जब कुछ नही था तब भी शिव थे और जब कुछ नहीं होगा तब भी शिव ही होंगे।

शिव की पूजन तो सभी करते है लेकिन आज हम आप सभी को ऐसे शिव मन्दिर के बारे में बताने जा रहे है जिसकी पूजा हिन्दू तथा मुस्लिम दोनो मजहब के लोगो द्वारा किया जाता है।

वह स्थान जहां हिन्दू जन पूजा तथा मुस्लिम सजदा करते है वह उत्तरप्रदेश में गोरखपुर जिले से 25 किलोमीटर दूर खजनी कस्बे में सरया तिवारी नामक गांव हैं और यहां पर एक अनोखी शिवलिंग स्थापित है जो की जिसे झारखंडी शिवलिंग कहते है मान्यता यह है की यह स्वयं-भू शिवलिंग है जो कि अपने आप प्रकट हुआ था। कहा जाता है कि इस मन्दिर में हिंदू के साथ-साथ मुस्लिम भी यहां पूजा करते है क्योंकि इसमें उर्दू भाषा में एक कलमा लिखा हुआ है जो की मुस्लिम-धर्म में बहुत-ही पवित्र माना जाता है।

दरअसल मोहम्मद गजनवी जब भारत आया था तब गजनवी पूरे भारत के मंदिरो को तोड़ते हुऐ आया और वह यह इस मंदिर को भी तोड़ने आया था। गजनवी ने अपने सेना को इस मन्दिर को तोड़ने के लिए कहा किंतू किसी को भी इसमें सफलता नहीं मिली। यहां तक कि गजनवी ने खुद इस इसे तोड़ने की कोशिश की किंतु नाकाम होने के कारण इसमें कलमा गुदवा दिया ताकि इसकी पूजा कोई हिन्दू न कर सकें लेकिन ऐसा नहीं हुआ इसके साथ ही साथ ऐसा करने से ये मन्दिर और भी ज्यादा प्रसिद्ध हो गया और हिंदुओं के साथ साथ मुस्लिम भी इसकी पूजा करने लगे।

भारत-वर्ष में यह मन्दिर एक नया कीर्तिमान रखने वाला एक अनूठा मन्दिर है जहां हिन्दुओं के साथ-साथ मुस्लिम भी पूजा करने जाते है।


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