Guru Purnima 2023 ||गुरू पूर्णिमा

गुरू पुर्णिमा को हर वर्ष आषाढ़ मास के पुर्णिमा तिथि को गुरू पुर्णिमा के रूप में मनाया जाता हैं जो की जून-जुलाई के महीने में पड़ता है इस वर्ष यह दिवस 3 जुलाई 2023 को पड़ रहा है। इस दिवस गुरू की पूजा करने का विधान है जो की अपने शिष्यों का कल्याण करते है ज्ञान व मार्गदर्शक बनकर। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गुरू पुर्णिमा को महाभारत के रचयिता वेद व्यास का जन्म दिवस माना जाता है, इसलिए गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।

गुरू पुर्णिमा का पर्व क्यों मनाया जाता है?

गुरू पूर्णिमा को महर्षि वेद व्यास के जन्म दिवस के दिन मनाया जाता है, महर्षि वेद व्यास ने सर्वप्रथम चार वेद का लेख किया इसी वजह से उनका नाम वेद व्यास पड़ा। भारतीय सनातन परंपरा में गुरु का स्थान भगवान से भी ऊपर बताया गया है। गुरू पुर्णिमा महर्षि वेद व्यास को समर्पित है क्योंकि आज के ही दिन महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था। इस दिवस शिष्य अपने- अपने गुरुओं की पूजा करते है और अपने गुरुओं की आशीष प्राप्त करते है , साथ ही साथ इसका उद्देश्य अपने गुरुओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना है।

आषाढ़ पुर्णिमा को गुरू पुर्णिमा क्यों कहा जाता है?

हर वर्ष आषाढ़ पुर्णिमा को गुरु पुर्णिमा के रुप में मनाया जाता है जो की गुरुओं को सम्मान में मनाया जाता है। ये गुरू के प्रति आभार व्यक्त करने का दिवस है क्योंकि गुरू ही मार्गदर्शन कर शिष्य जीवन को ऊर्जामय बनाते हैं। गुरू ही शिष्यों के लिए अपार शिक्षा देते है जिसकी आभार व्यक्त करने के लिऐ यह दिवस मनाया जाता है।

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