आज के भावी जीवन हर किसी कि चाहत होती है की वो सुंदर और साथ ही साथ में आकर्षक लगे यह सामान्यतः हर किसी की ख्वाहिश होती है। आज हम इसी विषय में अपनी मत रखेंगे की लोग कैसे आकर्षक व्यक्तित्व के धनी बन सकते है। यह लेख इसी संदर्भ कि प्रदर्शन करती है की कैसे हम अपने व्यक्तित्व में बदलाव कर, व्यक्तित्व के धनी बने। इन सभी क्रियाओं को अपनाकर आप धनी व्यक्तित्व के धनी के रूप में प्रख्यात होने में सहायक होता है।
1. मौन संचार:- मौन संचार ऐसे समय में होता है जब आप किसी बातचीत के दौरान शब्दो, ध्वनियों या आवाज का प्रयोग नहीं करते उस समय जिस प्रकार अपनी बातों या शारीरिक भाषा के द्वारा बताया/ जाहिर किया जाता है उसे मौन संचार कहते है। इसका मतलब विभिन्न संस्कृतियो में अलग-अलग चीजे हो सकता है। कुछ संस्कृतियो में मौन सम्मान को प्रदर्शित करता है वहीं कुछ संस्कृतियो में इसे रूचि की कमी या संवाद में अनिच्छा के रूप में माना जाता है। मौन सकारात्मक या नकारात्मक भी हो सकती है ऐसा कहने का अर्थ ये है की हर वक्त मौन रहना भी नकारात्मक हो सकता है।
2. शिष्टाचार:- लोगो के बिच व्यक्तित्व बढ़ाने के संदर्भ में शिष्टाचार अच्छी होना बहुत बड़ी सफलता को दर्शाता है। यदी आप अपनी अलग ही पहचान बनाना चाहते है लोगो के बिच तो अपनी व्यवहार लोगो के अनुसार रखें। शिष्टाचार कुछ और नही बल्कि वह आपकी लोगो के समक्ष जैसा आप प्रस्तुत करते है। लोग आपकी व्यवहार के अनुसार ही आपकी रूपरेखा का बखान लोगो अन्य लोगो के सामने रखते है, की आप कैसे और क्या है?
3. आसन :– आसन क्या है? आसन वह स्थिती है जिसमे आप सोते, बैठते और खड़े होते है। अच्छी स्थिती में खड़े होना बहुत जरूरी होता है क्योंकि इससे आपका इंप्रेशन हर किसी पर अच्छी पड़ती है और आप उनकी नजरों में कुछ अलग ही मुकाम हासिल कर पाते है। ऐसा करने से आप लोगो के बिच अच्छा व्यक्तिव बना पाएंगे। अच्छी मुद्रा, आसन या स्थिती में बैठने के लिए आपको अभ्यास व प्रशिक्षण की आवश्यकता भी पड़ती है।
4. स्वच्छता:- स्वच्छ रहने या रखे जाने की भाव या स्थिती को स्वच्छता कहते है। आप सभी में स्वच्छता तभी नजर आएगा जब आप सब स्वयं को स्वच्छ स्थिती में रखने के लिए प्रयासरत होंगे। स्वच्छता को अपनाने से यह आपके व्यक्तित्व में निखार को बढ़ाने में चार-चांद लगाने में अहम भूमिका निभाती है। जीवन में यदि आपने कभी गौर किया होगा तो यह पाया होगा की अगर आप किसी क्षण’ गंदे रहे होंगे तो देखा होगा की लोग आपसे दूरी बनाने की कोशिश करते है। वे सोचते है की कही तुम्हारी गंदगी मुझमें न आ जाए। इसलिए आप भी प्रयत्न करे की ज्यादा से ज्यादा स्वच्छता अपना सकें।
5. स्वास्थ्य:- स्वास्थ्य को मानसिक और शारीरिक गतिविधि के रूप में प्रदर्शित किया जाता है जिसमे रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और गतिहीन क्षमता को कम करने के रूप में प्रतिपादित करते है। यदि आप सब में रोग-प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होगी तो आप खुशहाल जीवन यापन करने में सक्षम व होंगे।