योग नमस्कार के अभूतपूर्व परिणाम!

योग नमस्कार शरीर की ऊर्जा का प्राकृतिक चढ़ाव होता है यह ऐसी प्रक्रिया है जिससे आप सभी अपनी जीवन अच्छा और खुशनुमा बिना किसी प्रकार की समस्या या बिमारी के व्यतित करते है। यह योग ऐसी क्रिया है जिससे हम अपनी जीवन को संतुलित रूप से बिताने में सक्षम होते है।

योग नमस्कार स्वयं ही एक शक्तिशाली प्रणाली है जो शरीर के रीढ़ के कमर वाले हिस्से को जबरदस्त तरीके से सक्रिय करता है। रीढ़ की हड्डियों के मांसपेशियों को इतनी मजबूत बनाती है की वह उम्र बढ़ने के साथ रीढ़ कमजोर ना हो। रीढ़ में कमजोरी होने से तंत्रिकाओं में चुभन होती है यदी पहले से ही चुभन शुरू हो गया हो तो आप योग नमस्कार से अपने रीढ़ को सुदृढ़ कर सकते है। इस प्रक्रिया को करने से हमारे पूरे शरीर में प्रभाव पड़ता है जो की लाभप्रद होती है, योग नमस्कार एक सरल और सम्पूर्ण प्रक्रिया है। योग नमस्कार प्राणायाम को कूल सात चरणों में विभाजित किया गया है। निम्न चरण इस प्रकार है –

योग नमस्कार प्रथम चरण की प्रक्रिया –

  1. अपने पैरो को एक आराम-दायक दूरी पर और एक-दूसरे को समानांतर रखे साथ ही साथ अपनी रीढ़ को सीधे रखकर खड़े हो जाएं।
  2. अपनी आंखे खुली और अपने सामने किसी एक बिन्दु पर ध्यान केंद्रित करें।
  3. ध्यान केंद्रित होने के पश्चात अपने हाथो को अपनी छाती के सामने नमस्कार की स्थिती में लें आए।
  4. सांस अन्दर लेते हुए अपने हाथो को अपने सिर के ऊपर ले जाए।
  5. सांस छोड़ते हुए अपने हाथो को सिर के पिछे ले जाएं।
  6. अब आप सांस अन्दर लेते हुए हाथो को ऊपर लें जाएं।
  7. अब आपको सांस छोड़ते हुए नमस्कार की अवस्था में आ जाना है, हाथ आपके सीने के सामने होगी।

योग नमस्कार प्राणायाम की पहले चरण की प्रक्रिया को कम से कम दो से तीन बार दोहराएं।

योग नमस्कार द्वितीय चरण –

  1. अपनी योग अवस्था में रहते हुए आप अपने हाथों को छाती के सामने रखकर, सांस अंदर लेते हुए आप अपने हाथ को ऊपर ले जाए।
  2. सांस को बाहर छोड़ते हुए अपने हाथ को सिर के पिछे लें जाएं और इस बात को ध्यान दें की आप सांस छोड़ते हुए अपने गले के गड्ढे से आवाज़ निकाले।
  3. अब आप सांस अंदर लेते हुए अपनी हाथ को सिर के ऊपर लें जाएं।
  4. द्वितीय चरण को दोहराते हुए आप अपनी सांस छोड़ते हुए हाथ को छाती के सामने ले आए, साथ ही साथ गले के गड्ढे से आवाज़ निकालें।

इस चरण को न्यूनतम तीन बार करें जिससे आप पूर्ण रूप से इस प्रक्रिया का लाभ पा सके।

योग नमस्कार तृतीय-चरण –

  1. अपने दोनो हाथों को छाती के सामने रखे और हाथों को ऊपर ले जाते समय सांस अंदर लें।
  2. हाथों को गर्दन के पीछे लें जाते समय सांस को पूरी तरह से छोड़े।
  3. गले के गड्ढे से आवाज़ निकाले, ऐसा करते समय अपने हाथों को सीधी ऊपर की ओर रखें।

तीसरी प्राणायाम प्रक्रिया को न्यूनतम तीन बार करने के बाद सीधा बैठ जायें।

योग नमस्कर 4-चरण –

  1. सांस अंदर लेते हुए अपने हाथो को ऊपर लें जाएं।
  2. सांस को छोड़ते हुए अपने हाथ को गर्दन के निचे लें जाएं।
  3. फिर आप सांस अन्दर लेते हुए गर्दन के पास से हाथ को ऊपर ले जाए।
  4. सांस छोड़ते हुए अपने हाथों को छाती के सामने लें आए।
  5. अब आप सांस अंदर लेते हुए अपने हाथ को सामने की ओर रखें याद रहे ऐसा करते समय आपकी अंगुलियां सामने की ओर रहे।
  6. सांस छोड़ते हुए अपने हाथों को छाती के पास लाएं और गले के गड्ढे से आवाज़ निकालते हुए यह करें।

योग नमस्कार 5-चरण:-

  1. सांस अंदर लेते हुऐ अपने हाथ को ऊपर ले जाएं।
  2. हाथो को गर्दन के पीछे निचले हिस्से में लाएं सांस छोड़ते हुए।
  3. और तत्पश्चात सांस लेते हुए हाथ को ऊपर ले जाए और फिर सांस छोड़ते हुए हाथ को छाती के सामने लें जाएं।
  4. सांस अंदर लेते हुए हाथ को छाती के सामने की ओर और सांस छोड़ते हुए हाथ को छाती की ओर लें आए।

योग नमस्कार 6-चरण:-

  1. सांस अंदर लेते हुऐ हाथ ऊपर और सांस बाहर छोड़ते हुए हाथ को गर्दन के पिछे निचे लाएं।
  2. सांस लेते हुए हाथ को ऊपर और फिर सांस बाहर छोड़ते हुए हाथ को निचे छाती के पास लाएं।
  3. सांस लेते हुऐ हाथ को सामने की ओर और सांस बाहर छोड़ते हुए हाथ को छाती के पास लालें।

योग नमस्कार 7-चरण :-

  1. सांस लेते हुए हाथों को बाहर की ओर धकेले और फिर अपने घुटनो को जमीन से लगा दें।
  2. आगे/सामने की ओर झुके और अपने माथे को जमीन से लगा लें।
  3. अपनी बाहों को सिर के ऊपर लें जाए और अपनी हाथ की हथेली को इस अवस्था में रखे कि अंगूठा और तर्जनी अंगुली एक-दूसरे से मिलता हो और एक त्रिकोण का आकार का स्वरूप लें।
  4. इस अवस्था में तब तक रूके जब तक आपकी सांसे स्थिर न हो जाए।
  5. अब आप धीरे से खड़े हों जाएं और शुरुआती अवस्था में वापस आ जाएं।

यह सात चरण योग नमस्कार प्राणायाम का चक्र है।

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