साहस कैसे बढ़ाएं ?

“छाता बारिश तो नही रोक सकता,
किंतु
बारिश में खड़े होने का साहस जरुर देता है।”

यह एक सुप्रसिद्ध कहावत है जिसे हर कोई जानते या सुना होगा। इस कहावत को जिस कवि ने लिखा है उन्होंने काफ़ी अंधरूनी बातों को बड़ी ही सरलता के साथ इस कहावत में कह दिया है की यद्यपि आप किसी भी प्रकार की दुविधा परेशानी में हो आपके पास किसी न किसी प्रकार की परेशानी का जवाब देने का तरीका होगा जिससे की आपकों उस दुविधा से उबरने के लिए ज्यादा मसक्कद करने की जरूरत ना पड़े। इस कहावत के अनुसार यदि भरी बरसात में अगर आप सब कही फंसे हो तो आपको उस भरी बरसात से निकलने के लिए आपके पास यदि छाता है तो आपकी आत्मशक्ति बढ़ती है की आपकों डरने या किसी प्रकार की समस्या का सामना नही करना होगा।

इस कहानी के कहावत के अनुसार प्रवक्ता हमे यह संदेश देना चाहते है की आप जीवन में कही भी, किसी भी प्रकार की समस्या से घिरे हो पर आप इस बात का अपने आप में ठान ले की आपकी आत्मविश्वास कभी भी डगमगाना नही चाहिए क्यों की यदि आप किसी भी कार्य को प्रत्यक्ष रूप देने के लिए आपकी उस कार्य में आत्मविश्वास की प्रगाढ़ता रहनी चाहिए। क्योंकी आत्मविश्वास किसी कार्य की पूर्ण होने की, सफल होने की गारंटी तो नही देता किन्तु अगर आप आत्मविश्वास से भरे है तो किसी भी कार्य को अपने संघर्ष से प्राप्त करने की कोशिश करते रहेंगे। आत्मविश्वास गारंटी तो नही संघर्ष करने की प्रेरणा देती है।

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