सफलता प्राप्ती की राह में तो सब निकल जाते है बिना कोई तैयारी के किंतु लोगो की आधा सफर में ही पांव डगमगाने लगता है क्योंकी बिच राह में वो ये सोच बैठते है की मेरे पास तो कोई हुनर नही है जिससे की मैं सफल हो सकूं।
लेकिन आपको बता दें कि सफलता के लिए किसी प्रकार की हुनर या डिग्री की जरूरत नहीं होती है। किंतु वो सब सफलता की राह में निकलने के बाद बिच भंवर में सोच बैठते है की मेरे पास तो कोई हुनर या डिग्री नही है तो मै कैसे सफल हो पाऊंगा। यही कमियां उन्हें सफलता की राह में बढ़ने नही देती उनके राह में बाधा उत्पन्न करते है क्योंकी वे आधे राह में ही अपना आत्मविश्वास डगमगा बैठते है। जिससे की उन्हें सफलता प्राप्ती के लिए जीवन में अत्यधिक संघर्षरत होते है।
किंतु हम आप सभी को इस बात से अवगत करा दें की जीवन में सफलता प्राप्ति के लिए आपको अत्यधिक संघर्ष-रत रहने के बजाएं इन सभी कार्यों को करने के लिए तत्पर होने के साथ-साथ निरंतरता अपनाने से कम से कम समय में सफलता को प्राप्त करने में आप समर्थ होंगे।
सफलता प्राप्ती के अचूक रामबाण तरीके:-
- टाइम पंक्चुअलिटी (समय की पाबंदी) :- कोई व्यक्ती चाहे वह कोई भी हो , कोई भी कार्य करता करता हो जैसे की अंगूठा छाप, चार्टर्ड एकाउंटेंट, सिंगर, गोल्ड मेडलिस्ट, ग्वाला, राइटर, पान ठेले वाला या वह कोई भी हो। वो टाइम पे आ जा सकता है जिसने टाइम पंक्चुअलिटी को सिख लिया है। वो व्यक्ती कोई भी कार्य को कर/गति दे सकता है। इस दुनिया में जिसने टाइम पंक्चुअलिटी को सिख लिया वो जीत जाएगा क्यूंकि ये प्रकृति का महान आशिर्वाद है “जिसने समय का पालन कर लिया वो जीत गया”।
- आचार-विचार:- अपनी जिन्दगी में आप कभी भी अपने जीवन में अपने अच्छे आचार-विचार को मत छोड़ना, उसके साथ कभी भी समझौता मत करना क्योंकी ये बड़े बुजुर्गो और जीवनीय लोगो का कहना है की आप अपने जीवन में प्रतिबद्धता का पालन करे। “प्राण जाए पर वचन न जाए” इस क्षत्रिय धर्म के श्लोक को अपने जीवन में अनुग्रहित करें।
- एफर्ट्स (प्रयास):- कामयाबी की शिखर तक पहुंचने के लिए हर किसी कार्य को गति प्रदान करने के लिए उसे करना पड़ता है अर्थात् उसे प्रयास की जरूरत होती है उदा. कोई भी कार्य को बस सोंच लेने से वह कार्य संपन्न नही होता उसे करना पड़ता है। उसी प्रकार एक बीज की वृक्ष की जीवनी प्राप्त करने के लिए अनेकों विध्वंशो का सामना करना पड़ता है। मौसमी व वर्षा इत्यादि जैसे विध्वंशों का सामना करके वृक्ष बनता है।
- शारिरिक भाषा:- शारीरिक भाषा को प्रदर्शित करने के लिए कोई डिग्री की जरूरत नही होती है। आप दुनिया के किसी भी देश से घूमकर आ सकते है चाहे आपको उस देश की भाषा आती हो या न आती हो, क्योंकी आप किसी भी देश के व्यक्ती जो अजनबी है उसे भी आप अपने शारीरिक क्रियाओं द्वारा अवगत करा सकते है की आपको क्या चाहिए और क्या नही।
- एनर्जी (ऊर्जा):- ऊर्जा सामान्यतः सभी लोगो/ व्यक्तियों में होता है वो आपमे भी है। आपको बस उस ऊर्जा को रूपांतरित करना है जिससे की आप न होने वाले कार्य को भी करने में सक्षम होंगे बस आपको जरूरत है तो उस ऊर्जा को रूपांतरित रूप प्रदान करने की।
इन सभी खूबियों को अपने अंदर जागृत करे। इन खूबियों को जागृत करने के लिए कोई डिग्री या सर्टिफिकेट की जरूरत नही पड़ती है बस जरूरत है तो एक “निष्ठा” की जिससे आप इन खूबियों को जागृत करने के लिए तत्पर होंगे। फिर देखना टैलेंट आपको खुद ब खुद मिल जायेगी और कामयाबी आपके कदम चूमेगी।
Disclaimer:- यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। यहां यह बताना आवश्यक है कि Allimpulses.in किसी भी प्रकार की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी मान्यता या जानकारी को अमल में लाने से पहले सम्बन्धित विशेषज्ञ से सलाह लें।